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Nirupama एक मार्मिक और सशक्त हिंदी उपन्यास है जो एक स्त्री के संघर्ष, आत्मसम्मान और समाज में अपनी पहचान बनाने की यात्रा को दर्शाता है। यह कहानी नारी शक्ति, सामाजिक बंधनों और मानसिक जागरूकता को उजागर करती है। पाठकों को भावनात्मक रूप से झकझोर देने वाली यह पुस्तक एक प्रेरणादायक अनुभव प्रदान करती है।
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मानवीय भावनाओं की गहराइयों में जाने और सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की “निरुपमा” में प्रेम की जटिलताओं का अन्वेषण करें। इस सुंदरता से लिखी गई उपन्यास में नायिका के जीवन को गहराई से देखा गया है, जिसमें उसके संबंध, इच्छाएँ और व्यक्तिगत विकास का पता चलता है। भारतीय साहित्य के प्रेमियों और प्रेम और आत्म-अविष्कार की अविस्मरणीय कहानी की खोज करने वालों के लिए यह अवश्य पढ़ने योग्य है। सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की “निरुपमा” एक अनूठी कहानी है, जो आपको निरुपमा की आत्म-चिंतन और परिवर्तन की यात्रा में ले जाती है। इस उपन्यास में, निरुपमा के सामाजिक और पारिवारिक बाधाओं से निपटने के लिए उसके साहस और दृढ़ता का वर्णन किया गया है। इस ग्रंथ को पढ़कर आप न केवल भारतीय समाज की विभिन्न पहलुओं को समझेंगे, बल्कि यह भी सीखेंगे कि कैसे प्रेम, समर्पण और संघर्ष की शक्ति से व्यक्ति अपने आत्म-अविष्कार की यात्रा में अग्रसर हो सकता है। इस उपन्यास में सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ ने अपनी कविता की अद्वितीय शैली का उपयोग करके निरुपमा की कथा को आकर्षक और मनोहर बनाया है। यदि आप भारतीय साहित्य, प्रेम, और आत्म-परिचय के किस्सों का आनंद लेना चाहते हैं, तो “निरुपमा” आपके लिए एक अनुपम व्यावसायिक अनुभव होगा। इस अद्भुत कृति को अपने संग्रह में शामिल करें और भारतीय साहित्य के अद्भुत जगत का अनुभव करें।
Weight | 0.140 kg |
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Dimensions | 21 × 13 × 0.67 cm |
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